राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई की पहल पर आयोजित कार्यक्रम
आज का दिन भारत के इतिहास में वीरता, साहस और राष्ट्रभक्ति की अमिट गाथा को स्मरण करने का दिन है। कारगिल विजय दिवस की 26वीं वर्षगांठ के अवसर पर बै.ठा.छे. कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र, बिलासपुर में एक श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें अधिष्ठाता डॉ. एन.के. चौरे ने इस दिन के महत्व पर प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा, "कारगिल विजय दिवस केवल एक सैन्य अभियान की सफलता नहीं, बल्कि भारतीय सशस्त्र बलों के अदम्य साहस, बलिदान और देशभक्ति का प्रतीक है। हमारे वीर जवानों ने मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी ताकि पूरा देश निडर होकर सांस ले सके। उनकी शौर्य गाथा हम सभी के लिए प्रेरणा स्रोत है।”
कार्यक्रम की शुरुआत माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन के साथ हुई। इसके उपरांत राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों — देवराज, तनय बानी, स्तुति गुप्ता, गौरव कुमार, समीक्षा कुशवाहा एवं मुकेश कुमार पटेल — ने देशभक्ति पर आधारित भावपूर्ण भाषण और कविताएँ प्रस्तुत कीं, जिससे समूचा वातावरण राष्ट्रप्रेम से ओतप्रोत हो उठा।
इसके पश्चात उपस्थित सभी छात्र-छात्राओं, प्राध्यापकों, वैज्ञानिकों एवं कर्मचारियों ने कारगिल युद्ध में शहीद हुए अमर वीर सपूतों को दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर डॉ. चौरे द्वारा सभी को ‘पंच प्रण’ की शपथ दिलाई गई, जिसमें देशप्रेम, अनुशासन, स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण एवं सामाजिक समरसता जैसे मूल्यों को जीवन में अपनाने की प्रतिज्ञा दिलाई गई। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजन विद्यार्थियों में राष्ट्रभक्ति, जिम्मेदारी और राष्ट्रीय कर्तव्य की भावना को सशक्त बनाते हैं।
कार्यक्रम में डॉ. आर.के.एस. तोमर, डॉ. गीत शर्मा, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख, कृषि विज्ञान केंद्र, बिलासपुर, डॉ. अजय टेगर, डॉ. प्रमेंद्र केसरी, डॉ. दिनेश पांडे, डॉ. विनोद निर्मलकर, डॉ. दीपक श्रीवास्तव सहित संस्था के सभी अधिकारी, कर्मचारी एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का सफल संचालन एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी अजीत विलियम्स ने तथा आभार प्रदर्शन डॉ. अर्चना केरकट्टा ने किया।
