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अंधविश्वास के चलते झाड़फूंक के लालच में मासूम की हत्या: मुंगेली पुलिस ने लाली हत्याकांड का किया सनसनीखेज खुलासा...

अंधविश्वास के चलते झाड़फूंक के लालच में मासूम की हत्या: मुंगेली पुलिस ने लाली हत्याकांड का किया सनसनीखेज खुलासा 


बिलासपुर/मुंगेली - 7 वर्षीय बालिका महेश्वरी उर्फ लाली के अपहरण और हत्या के मामले में पुलिस ने झाड़फूंक की अंधविश्वासी पूजा "झरन" के नाम पर मासूम की बलि देने वाले 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।


आपको बता दें 12 अप्रैल 2025 को ग्राम कोसाबाड़ी निवासी पुष्पा गोस्वामी ने थाना लोरमी में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसकी सबसे छोटी बेटी लाली (उम्र 7 वर्ष 7 माह) रात को सोते समय लापता हो गई। पुलिस ने तत्परता से अपराध क्रमांक 152/2025 के तहत धारा 137(2) बीएनएस के अंतर्गत मामला दर्ज कर जांच प्रारंभ किया ।


वहीं,जांच के दौरान पुलिस को गांव के समीप खेत में एक बालिका की खोपड़ी व मानव अस्थियाँ मिलीं। डीएनए रिपोर्ट से पुष्टि हुई कि वे अवशेष लापता लाली के ही हैं। मेडिकल रिपोर्ट में बालिका की हत्या की पुष्टि हुई।

पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि ग्राम कोसाबाड़ी व उसके आसपास के क्षेत्र में झाड़फूंक, बैगा-गुनिया, व तंत्र-मंत्र जैसी कुप्रथाएं फैली हुई हैं। इन्हीं में से एक पूजा पद्धति “झरन” के जरिए धन अर्जन की लालसा में आरोपी चिम्मन, उसकी पत्नी ऋतु व अन्य चार लोगों ने मिलकर मासूम की बलि देने की योजना बनाई।

मुख्य आरोपी ऋतु गोस्वामी एवं पुष्पा का नार्को परीक्षण कराया गया, जिसमें यह स्पष्ट हुआ कि पूजा के दौरान लाली को काले कपड़े पहनाकर उसकी बलि दी गई। आरोपी नरेन्द्र मार्को ने बालिका को अपहरण कर लाने की भूमिका निभाई, जबकि आकाश मरावी ने शव को खेत में दफनाया।

गिरफ्तार आरोपी के नाम-

1. चिम्मन गिरी गोस्वामी (40 वर्ष)


2. ऋतु गोस्वामी (36 वर्ष)


3. नरेन्द्र मार्को (21 वर्ष)


4. आकाश मरावी (21 वर्ष)


5. रामरतन निषाद (45 वर्ष)



सभी आरोपी मुंगेली जिले के लोरमी थाना क्षेत्र के निवासी हैं।

आपको बता दें कि मुख्य आरोपी ऋतु गोस्वामी पर पहले से धोखाधड़ी का एक और मामला दर्ज है, जिसमें उसने एक ग्रामीण महिला के नाम पर लोन लेकर राशि हड़प ली थी। इस मामले में भी लोरमी थाना में अपराध क्रमांक 449/25 दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया गया है।

इस जघन्य हत्याकांड के खुलासे में लोरमी थाना प्रभारी निरीक्षक अखिलेश वैष्णव, साइबर सेल प्रभारी उपनिरीक्षक सुशील बंछोर समेत पुलिस टीम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वहीं, प्रशासन की ओर से अपर कलेक्टर मेनका प्रधान, एसडीएम अजीत पुजारी सहित राजस्व अधिकारियों ने भी जांच में सक्रिय सहयोग दिया।


यह घटना समाज में फैली अंधश्रद्धा और तंत्र-मंत्र के नाम पर हो रहे अमानवीय कृत्यों की भयानक तस्वीर पेश करती है। एक मासूम की जान सिर्फ झाड़फूंक के लालच में ले ली गई। 

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