विश्व पशुचिकित्सक दिवस के अवसर पर कामधेनु विश्वविद्यालय के पशु चिकित्सकों ने किया श्वानों का निःशुल्क टीकाकरण 28 अप्रैल 2025/ विश्व पशु चिकित्सा दिवस (26 अप्रैल ) के अवसर पर अध्यापन पशु चिकित्सालय (टी. व्ही.सी.सी.), दाऊ श्री वासुदेव चंद्राकर कामधेनु विश्वविद्यालय, दुर्ग में निःशुल्क एंटी रेबीज़ टीकाकरण एवं पशु स्वास्थ जांच शिविर का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया । इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि दाऊ श्री वासुदेव चंद्राकर कामधेनु विश्वविद्यालय के कुलपति आदरणीय डॉ.आर.आर. बी. सिंह, पशु चिकित्सा महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. संजय शाक्य, निदेशक चिकित्सालय डॉ. मनोज कुमार अवस्थी, निदेशक अनुसंधान डॉ. जी.के. दत्ता,एवं वरिष्ठ प्राध्यापकों डॉ. एस.के. तिवारी, डॉ.आर.पी.तिवारी, डॉ.राजू शारदा तथा डॉ. एस.के.मैती, विश्वविद्यालय जनसंपर्क अधिकारी डॉ.दिलीप चौधरी की उपस्थिति में यह कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। उल्लेखनीय है कि विश्व पशु चिकित्सा दिवस प्रतिवर्ष अप्रैल के आखिरी शनिवार को मनाया जाता है। यह दिन दुनिया भर के पशु चिकित्सकों के प्रयासों और उनके कार्य के प्रति समर्पण को मान्यता देने के लिए समर्पित है। पशु चिकित्सकों की मुख्य जिम्मेदारियों में से एक बीमारी के प्रकोप की तुरंत पहचान करना और उसका उचित उपचार किया जाना होता है। इसके फलस्वरूप वे मनुष्यों और जानवरों दोनों पर बीमारियों से होने वाले प्रभाव समाप्त कर सकते हैं। पशु चिकित्सा के विकास और उन्नति में पशु चिकित्सकों का बेहद और महत्वपूर्ण योगदान है, जिसका मानव और पशु स्वास्थ्य पर धनात्मक प्रभाव पड़ता है। इस वर्ष के विश्व पशु चिकित्सा दिवस 2025 का थीम "एनिमल हेल्थ टेक्स ए टीम "है, जो यह प्रदर्शित करता है, कि पशुओं की सफल चिकित्सा में कई तकनीकी व्यक्तियों एवं संबंधित सहायक कर्मचारियों संबंधित का योगदान आवश्यक होता हैं।
पशुचिकित्सक मैदानी क्षेत्रों, चिड़ियाघरों और वन्यजीव आवासों सहित विभिन्न क्षेत्रों में पशु कल्याण को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
मुख्य अतिथि कुलपति आदरणीय डॉ. आर. आर. बी. सिंह महोदय के द्वारा अवगत कराया गया कि पशुचिकित्सक बीमारियों की रोकथाम और उपचार करने तथा स्वस्थ और टिकाऊ पशु उत्पादन पद्धतियों को बढ़ावा देने के लिए काम करते हैं। लुप्तप्राय प्रजातियों की रक्षा और जैव विविधता के संरक्षण हेतु पशु चिकित्सक संरक्षण संगठनों और वन्यजीव प्रबंधन एजेंसियों के साथ भी काम करते हैं। पशुचिकित्सक की सेवाएं पालतू जानवरों की देखभाल करने के साथ साथ सार्वजनिक स्वास्थ्य की रक्षा और संवर्धन करना भी है। पशुचिकित्सक रोगाणुरोधी प्रतिरोध, खाद्य सुरक्षा और पशु कल्याण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उनका कार्य मनुष्यों और पशुओं दोनों के लिए स्वस्थ और टिकाऊ भविष्य सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है। कार्यक्रम के दौरान आयोजित शिविर में 53 श्वानों का निःशुल्क एंटी रेबीज़ टीकाकरण एवं 63 जानवरों का निःशुल्क उपचार किया गया। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में पशु चिकित्सा महाविद्यालय के डॉ.एम.ओ. कलीम, डॉ.रुकमणी देवांगन, डॉ.आई.एल. राज, डॉ. रजनी फ्लोरा, डॉ. नीति बनते, डॉ. अनुजा जयाप्रशाद , डॉ. सूर्यकांत साहू, डॉ. विवेक कुमार एवं स्नातकोत्तर छात्रों, इंटर्न और चौथे वर्ष के छात्र और छात्राओं का महत्वपूर्ण योगदान रहा। इंडियन इम्यूनोलॉजिकल्स लिमिटेड (IIL) , इंटास , केनीकौन जैसी बड़ी फार्मा कंपनियों ने निःशुल्क एंटी रेबीज वैक्सीन, डिवार्मिंग टैबलेट्स, मल्टीविटामिन दवाईयां उपलब्ध कराया। कार्यक्रम के अंत में डॉ. हमेश रात्रे द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन निदेशक चिकित्सालय डॉ. मनोज कुमार अवस्थी एवं टी.वी.सी.सी. विभागाध्यक्ष डॉ. हमेश रात्रे द्वारा किया गया।
