चीकू: स्वाद और सेहत का खजाना
बिलासपुर। चीकू (सपोडिला) एक स्वादिष्ट और पोषण से भरपूर उष्णकटिबंधीय फल है, जो अपने मीठे स्वाद और औषधीय गुणों के कारण दुनियाभर में पसंद किया जाता है। भारत, खासकर महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक और तमिलनाडु में इसकी बड़े पैमाने पर खेती होती है।
स्वास्थ्य के लिए वरदान
चीकू में फाइबर, विटामिन C, कैल्शियम और एंटीऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। यह पाचन तंत्र को दुरुस्त रखता है, इम्यूनिटी बढ़ाता है और हड्डियों को मजबूत बनाता है। इसके अलावा, त्वचा और बालों के लिए भी यह फायदेमंद है।
किसानों के लिए लाभदायक फसल
उष्णकटिबंधीय जलवायु में अच्छी पैदावार देने वाला चीकू जल की कम आवश्यकता वाला फसल है। एक परिपक्व चीकू का पेड़ सालभर में 250 से 2000 फल दे सकता है, जिससे यह किसानों के लिए लाभदायक विकल्प बनता जा रहा है।
रोचक तथ्य
- चीकू के पेड़ से निकलने वाला लेटेक्स पहले च्युइंग गम बनाने में इस्तेमाल होता था।
- यह बिना मधुमक्खियों या अन्य परागणकर्ताओं के भी फल देता है।
- आयुर्वेद में इसे खांसी, दस्त और पाचन विकारों के इलाज में उपयोग किया जाता है।
व्यंजन और उपयोग
चीकू से मिल्कशेक, आइसक्रीम, हलवा और ड्राई चीकू चिप्स जैसे स्वादिष्ट व्यंजन बनाए जाते हैं।
चीकू केवल स्वाद में ही नहीं, सेहत और खेती के लिहाज से भी एक अनमोल उपहार है।
- अजीत विलियम्स, साइंटिस्ट (फॉरेस्ट्री), बीटीसी कॉलेज ऑफ़ एग्रीकल्चर एंड रिसर्च स्टेशन, बिलासपुर
