रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में आज मंत्रालय महानदी भवन में कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक संपन्न हुई। बैठक में राज्य हित से जुड़े कई प्रस्तावों पर विचार-विमर्श किया गया और विभिन्न विभागों से जुड़े अहम मुद्दों पर फैसला लिया गया। सबसे महत्वपूर्ण निर्णय आत्मसमर्पित नक्सलियों के विरुद्ध पंजीबद्ध आपराधिक प्रकरणों के निराकरण और उनके पुनर्वास से संबंधित प्रक्रिया को मंजूरी देने का रहा।
आत्मसमर्पित नक्सलियों के मामलों के निराकरण को मंजूरी
कैबिनेट ने आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के खिलाफ दर्ज आपराधिक प्रकरणों के निराकरण हेतु प्रस्तावित प्रक्रिया को औपचारिक स्वीकृति दी है। सरकार का मानना है कि मुख्यधारा में लौटने की इच्छा रखने वाले नक्सलियों को न्यायिक प्रक्रियाओं में राहत देकर उन्हें समाज में पुनर्स्थापित करने में सहायता मिलेगी। इस कदम से नक्सल प्रभावित जिलों में शांति प्रयासों को गति मिलने की उम्मीद है।
विभिन्न विभागों से जुड़े प्रस्तावों पर भी मुहर
बैठक में कई अन्य महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर भी चर्चा की गई और उन्हें मंजूरी प्रदान की गई। इनमें प्रशासनिक संरचना को मजबूत करने, विकास कार्यों को गति देने और जनता से जुड़े कल्याणकारी योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने से जुड़े मुद्दे शामिल रहे। सूत्रों के अनुसार कुछ विभागों में नई योजनाओं के क्रियान्वयन, संसाधनों के पुनर्वितरण और वित्तीय स्वीकृतियों को लेकर भी कैबिनेट ने निर्णय लिया है।
राज्य में शांति और विकास पर सरकार का फोकस
कैबिनेट बैठक के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि सरकार आने वाले समय में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास की रफ्तार तेज करने पर ध्यान देगी। आत्मसमर्पित नक्सलियों के मामलों में राहत देने के फैसले को इसी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। सरकार का कहना है कि ऐसे फैसलों से हिंसा का दायरा कम होगा और अधिक से अधिक नक्सली आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटने के लिए प्रेरित होंगे।

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