शिक्षा के साथ संस्कार और समाज से सरोकार भी जरूरी: त्रिलोक चंद्र श्रीवास
परसाही (बेलतरा विधानसभा) – "शिक्षा शेरनी का दूध है, जो पिएगा वह दहाड़ेगा" — इस प्रेरक वाक्य के साथ अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय समन्वयक व लोकप्रिय नेता श्री त्रिलोक चंद्र श्रीवास ने शिक्षा, संस्कार और समाजिक सरोकार की महत्ता पर जोर दिया। वे जिला सूर्यवंशी शिक्षा समिति द्वारा आयोजित प्रतिभा सम्मान अलंकरण एवं शिक्षक सम्मान समारोह में अतिविशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
श्री श्रीवास ने कहा, "शिक्षा के साथ संस्कार और समाज के प्रति सरोकार भी उतना ही अनिवार्य है। संविधान निर्माता डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर द्वारा रचित समता मूलक संविधान ने समाज के छोटे-छोटे वर्गों को आगे बढ़ने का मार्ग प्रदान किया है। मैं सूर्यवंशी समाज का अपना मानता हूं, और जब भी समाज को मेरी जरूरत होगी, मैं आधी रात को भी खड़ा हूं।"
उन्होंने भावुक अपील करते हुए कहा, "यदि जरूरत पड़े तो एक समय का भोजन छोड़ दें, लेकिन अपने बच्चों को उच्च शिक्षा जरूर दिलाएं।"
कार्यक्रम की गरिमा को बढ़ाने पहुंचे विशिष्ट जनप्रतिनिधियों में मस्तूरी विधायक श्री दिलीप लहरिया, बेलतरा विधायक श्री सुशांत शुक्ला, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री राजेश सूर्यवंशी, जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि श्री अरुणा प्रकाश सूर्यवंशी, एवं जिला अध्यक्ष श्री नंदकिशोर डहरिया प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
आयोजन समिति के शिक्षा समिति अध्यक्ष आर. के. टोंडे, मोहन जायसवाल, राहुल गोरख, मुकेश अग्रवाल, ठाकुर पवन सिंह, शुभम श्रीवास, राजेंद्र सूर्यवंशी, दादूराम लास्कर, चरण सिंह राज, कौशल श्रीवास्तव, विक्रम सूर्यवंशी, परमेश्वर सूर्यवंशी, राजू नारंग आदि ने आयोजन को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई।
सैकड़ों की संख्या में शिक्षक, शिक्षिकाएं, छात्र-छात्राएं, तथा जिले और आसपास के अन्य जिलों से हजारों सूर्यवंशी समाजजन इस अवसर पर उपस्थित रहे।
इस भव्य अवसर पर श्री त्रिलोक चंद्र श्रीवास को आयोजन समिति की ओर से साल, श्रीफल एवं स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया गया। मंच से उनके विचारों ने उपस्थित जनसमूह को भावविभोर कर दिया।
