बिलासपुर के रासेयो चित्रकारों ने लोकमाता अहिल्याबाई होलकर के जीवन प्रसंगों को चित्रों में किया जीवंत
रायपुर, 25 अप्रैल 2025।
संस्कार भारती छत्तीसगढ़ के तत्वावधान में रायपुर स्थित बुढ़ेश्वर मंदिर, बूढ़ा तालाब में 18 से 20 अप्रैल तक लोकमाता अहिल्याबाई होलकर की त्रिशताब्दी जयंती पर प्रदेश स्तरीय चित्रकला कार्यशाला का भव्य आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में बिलासपुर के रासेयो चित्रकारों सहित छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों से आए 50 चित्रकारों (18 महिला, 32 पुरुष) ने हिस्सा लिया।
चित्रकला कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य था लोकमाता अहिल्याबाई होलकर जी के जीवन के प्रेरणादायक प्रसंगों को कैनवास पर उकेर कर समाज के समक्ष प्रस्तुत करना। कार्यशाला हेतु चित्र निर्माण की समस्त सामग्री — कैनवास, रंग, ब्रश, पैलेट — दक्षिण मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र नागपुर एवं भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय (SCZCC) के सहयोग से प्रदान की गई।
बिलासपुर से वरिष्ठ चित्रकार श्री दिलीप पात्रिकर और संस्कार भारती के प्रांतीय महामंत्री श्री हेमंत माहुलीकर ने मिलकर अहिल्याबाई की जीवनी का गहन अध्ययन कर 55 प्रसंगों का चयन किया। इसके पश्चात चित्रकला संयोजक श्री चंद्रशेखर देवांगन (बिलासपुर), सहसंयोजक श्री भोजराज धनगर (रायपुर) और वरिष्ठ चित्रकार श्री मनोज श्रीवास्तव (रायगढ़) के मार्गदर्शन में इन विषयों पर चर्चा कर चित्रमाला को अंतिम रूप दिया गया।
बिलासपुर के रासेयो कलाकारों ने अपने चित्रों से सभी को प्रभावित किया:
- मोना केवट ने अहिल्याबाई के युद्ध कौशल को दर्शाते हुए उन्हें हाथी पर धनुष-बाण लिए युद्ध करते चित्रित किया।
- कामिनी साहू ने हिमालय राव के जन्म (1745) का चित्रण किया।
- हर्ष रजक ने अहिल्याबाई को ससुराल में शिव आराधना करते दिखाया।
- वंशिका मिश्रा ने कोल्हापुर स्थित महालक्ष्मी मंदिर के निर्माण को दर्शाया।
- चंदन कुमार ने खंडेराव और अहिल्याबाई के युद्धाभ्यास को चित्रित किया।
- आंचल यादव ने मुक्ताबाई के जन्म (1745) का चित्र बनाया।
प्रदेश के सुदूर अंचलों जैसे बलरामपुर-रामानुजगंज से लेकर बस्तर तक से आए कलाकारों ने इस आयोजन में भाग लेकर लोकमाता के जीवन को कला के माध्यम से जीवंत किया। प्रतिभागी कलाकारों के कार्यों की प्रशंसा आयोजकों व आगंतुकों द्वारा की गई।
– रिपोर्ट: NEWS 1947
संपादक: हरीश माड़वा
