म्यांमार में विनाशकारी भूकंप: 1,644 की मौत, भारत ने भेजी सहायता
नेपीडॉ। म्यांमार में 28 मार्च को आए 7.7 तीव्रता के भूकंप ने देश को हिला कर रख दिया है। अब तक 1,644 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, और यह आंकड़ा बढ़ने की आशंका है। भूकंप का केंद्र मांडले के निकट था, जहां सबसे अधिक तबाही हुई है।
मांडले में भारी तबाही
मांडले शहर में कई बहुमंजिला इमारतें ढह गईं, जिससे सैकड़ों लोग मलबे में दब गए। अमरपुरा टाउनशिप में बचावकर्मियों ने 30 शव बरामद किए हैं। स्थानीय निवासियों के अनुसार, शहर का लगभग पांचवां हिस्सा नष्ट हो गया है।
थाईलैंड तक महसूस किए गए झटके
भूकंप के झटके पड़ोसी देश थाईलैंड तक महसूस किए गए, जहां बैंकॉक में एक निर्माणाधीन गगनचुंबी इमारत गिर गई। हालांकि, थाईलैंड में हताहतों की संख्या कम बताई जा रही है।
भारत की त्वरित सहायता
भारत ने 'ऑपरेशन ब्रह्मा' के तहत म्यांमार को 15 टन राहत सामग्री भेजी है, जिसमें टेंट, स्लीपिंग बैग, कंबल, तैयार भोजन, जल शुद्धिकरण उपकरण, स्वच्छता किट, सौर लैंप, जनरेटर सेट और आवश्यक दवाएं शामिल हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने म्यांमार को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है।
अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया
म्यांमार की सैन्य सरकार के प्रमुख जनरल मिन आंग हलाइंग ने कहा है कि मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है और उन्होंने सभी देशों से सहायता की अपील की है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी म्यांमार को सहायता प्रदान करने की घोषणा की है।
बचाव कार्य जारी
बचावकर्मी लगातार मलबे में फंसे लोगों को निकालने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन संसाधनों की कमी के कारण चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय लोग भी राहत कार्यों में मदद कर रहे हैं, लेकिन स्थिति अत्यंत गंभीर बनी हुई है।
