गौरेला-पेंड्रा-मरवाही* स्थित *महंत बिसाहू दास उद्यानिकी महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र* में 76वें गणतंत्र दिवस का आयोजन पूरे हर्षोल्लास और गरिमा के साथ संपन्न हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के अधिष्ठाता *डॉ. नारायण साहू* ने की।
कार्यक्रम की शुरुआत प्रभात फेरी से हुई, जिसमें छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों ने भाग लिया। प्रभात फेरी के दौरान देशभक्ति के नारे गूंजे और राष्ट्रीय एकता का संदेश दिया गया। इसके बाद महाविद्यालय प्रांगण में डॉ. नारायण साहू द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया। राष्ट्रगान गाकर तिरंगे को सलामी दी गई और गणतंत्र दिवस के महत्व पर प्रकाश डाला गया।
कार्यक्रम के दौरान छात्रों ने भाषण और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से भारतीय संविधान, स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान और छत्तीसगढ़ की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को प्रस्तुत किया। छत्तीसगढ़ी लोकनृत्य और पारंपरिक सांस्कृतिक प्रदर्शनों ने आयोजन को और भी आकर्षक बना दिया।
महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. नारायण साहू ने अपने प्रेरक संबोधन में कहा, "गणतंत्र दिवस हमारे अधिकारों और कर्तव्यों के बीच संतुलन स्थापित करने का प्रतीक है। हमारे किसान देश की आत्मा हैं, जिनकी मेहनत से हमारा देश खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर बनता है। छात्रों और युवाओं को अपनी शिक्षा और कौशल का उपयोग समाज और देश की प्रगति में करना चाहिए। शिक्षक और विद्यार्थी मिलकर इस देश की उन्नति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।"
कार्यक्रम के दौरान खेलकूद, सह-शैक्षणिक और सांस्कृतिक गतिविधियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों को प्रमाण पत्र और पदक प्रदान कर सम्मानित किया गया। यह सम्मान न केवल उनकी उपलब्धियों को पहचान दिलाता है, बल्कि अन्य छात्रों को भी प्रोत्साहित करता है।
महाविद्यालय के अधिष्ठाता ने सभी शिक्षकों और कर्मचारियों के योगदान की सराहना की, जिन्होंने इस आयोजन को सफल बनाने में मेहनत की। उन्होंने छात्रों की भागीदारी और उनकी प्रस्तुतियों की भी प्रशंसा करते हुए कहा कि यही ऊर्जा और समर्पण भविष्य में देश के विकास की दिशा को मजबूती प्रदान करेगा।
कार्यक्रम का समापन अल्पाहार वितरण के साथ हुआ। यह आयोजन न केवल छात्रों के लिए एक प्रेरणादायक अवसर बना, बल्कि सामूहिक प्रयासों और देशभक्ति की भावना को मजबूत करते हुए महाविद्यालय परिवार के लिए एक यादगार दिन साबित हुआ।
