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पढ़ाई एक तपस्या है, साधना है, लक्ष्य ठान लेने से सफलता की राह में कोई बाधा नहीं आती : कलेक्टर

गौरेला पेंड्रा मरवाही 
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प्रत्यक्ष संवाद कार्यक्रम के तीसरे दिन कलेक्टर ने नवागांव, सकोला एवं पेण्ड्रा संकुल के 18 स्कूलों के 75 विद्यार्थियों से किया संवाद

पढ़ाई एक तपस्या है, साधना है, लक्ष्य ठान लेने से सफलता की राह में कोई बाधा नहीं आती : कलेक्टर


  जिले में बोर्ड परीक्षाओं का बेहतर परिणाम लाने कक्षा 10वीं एवं 12वीं के विद्यार्थियों से प्रत्यक्ष संवाद कार्यक्रम के तीसरे दिन कलेक्टर लीना कमलेश मंडावी ने पेण्ड्रा विकासखण्ड के शिक्षा संकुल नवागांव, सकोला एवं पेण्ड्रा के 18 स्कूलों के 75 विद्यार्थियों से संवाद कर उनका मनोबल बढ़ाया। उन्होंने कहा कि पढ़ाई एक तपस्या है, साधना है, लक्ष्य ठान लेने से सफलता की राह में कोई बाधा नहीं आती है। विद्यार्थी जीवन, जीवन का महत्वपूर्ण पड़ाव होता है। कोई भी लक्ष्य ऐसा नहीं होता, जिसे ठान लिया जाए तो उसे प्राप्त नहीं कर सकते। असफलता से कभी हार नहीं मानना चाहिए, बल्कि दोगुने उत्साह से फिर से प्रयास करना चाहिए। 
कलेक्टर ने बच्चों को प्रेरित करते हुए कहा कि विद्यार्थी जीवन अनुशासित होना चाहिए, समय का प्रबंधन आना चाहिए, टाइम टेबल बनाकर उसका अनुसरण करें, प्रयास में कमी नहीं होनी चाहिए, लक्ष्य प्राप्ति के लिए आत्मविश्वास होना चाहिए। रट के पढ़ने से जल्दि भूल जाएंगे इसलिए समझ कर पढ़ें। समझ कर पढ़ने से घूमा-फिराकर सवाल पूछने पर भी उत्तर दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि रूचि के साथ पढ़ाई करने से कोई भी विषय कठिन नहीं लगता। शिक्षकों से सवाल पूछें, सभी विषयों की नियमित पढ़ाई करें, लिखने की अभ्यास डालें। अच्छे परीक्षा परिणाम के लिए लगन और मेहनत की जरूरत है, लक्ष्य कैसे प्राप्त कर सकते हैं, यह आपके मेहनत पर निर्भर करता है। उन्होंने कहा कि हिटलर की डिक्शनरी में असंभव शब्द नहीं था। कोई भी कार्य ठान लेने से सफलता प्राप्त करने में कोई रोक नहीं सकता। 
कलेक्टर ने प्रत्येक बच्चों से उनका नाम, कक्षा, शाला का नाम और भविष्य में क्या बनना चाहते हैं की जानकारी ली। बच्चों द्वारा आईएएस, आईपीएस, डॉक्टर, शिक्षक, वकील, आर्मी, चार्टर एकाउन्टेन्ट आदि बनने की इच्छा जताने पर कलेक्टर ने उन्हें संबंधित विषय में रूचि लेकर पढ़ाई करने के साथ ही सामान्य ज्ञान का दायरा बढ़ाने, जिला, प्रदेश, राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय घटनाओं की जानकारी से अपडेट रहने और मोबाइल, यू-ट्यूब, गूगल आदि नई तकनीक का उपयोग ज्ञानार्जन के लिए करने कहा। उन्होंने कहा कि मेहनत, लगन और समर्पण से कोई भी लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं। 
कलेक्टर ने नवागांव संकुल के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बालक नवागांव, हाई स्कूल कन्या नवागांव, उच्चतर माध्यमिक विद्यालय आमाडांड़, हाई स्कूल अमारू, हाई स्कूल देवरीखुर्द, हाई स्कूल सरखोर एवं हाई स्कूल मुरमुर के दसवीं कक्षा के 21 एवं बारहवीं कक्षा के 6 विद्यार्थियों से रूबरू हुई। सकोला सुंकुल के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कन्या सकोला, हाई स्कूल भाड़ी, सेजेस कोटमीकला, हाई स्कूल रूमगा, हाई स्कूल कुड़कई के दसवीं कक्षा के 15 एवं बारहवीं कक्षा के 6 विद्यार्थियों से रूबरू हुई। 
इसी तरह पेण्ड्रा संकुल के शासकीय बहुउद्देशीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पेण्ड्रा, पीएमश्री शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पेण्ड्रा, सेजेस अंग्रेजी माध्यम पेण्ड्रा, उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सरकारी पारा पेण्ड्रा, हाई स्कूल बचरवार एवं हाई स्कूल कुदरी के दसवीं कक्षा के 18 एवं बारहवीं कक्षा के 9 विद्यार्थियों से प्रत्यक्ष संवाद किया। प्रत्यक्ष संवाद कार्यक्रम में जिला शिक्षा अधिकारी जे. के. शास्त्री ने भी लक्ष्य निर्धारण एवं लक्ष्य की प्राप्ति के लिए किए गए संघर्षों और प्राप्त कामयाबी पर आधारित अनेक कहानी सुनाकर विद्यार्थियों को प्रेरित किया। कार्यक्रम में खण्ड शिक्षा अधिकारी पेण्ड्रा आर.एन.चन्द्रा भी मौजूद थे।

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