माघी पूर्णिमा आदिवासी विकास मेला सिमट कर रह गई, मेला भी बदहाली की आंसू बहा रही है।
रतनपुर में माघी पूर्णिमा और आदिवासी विकास मेला का आयोजन किया गया है, जहां पूरे दिन भारी अव्यवस्था का माहौल है।मेला आयोजन के पहले दिन मुख्य अतिथि अमर अग्रवाल देर रात उद्घाटन कार्यक्रम में पहुँचे जहां ख़ाली कुर्सियों को देख नाराज़ हुए।
उसके बाद दर्शकों के बैठने के लिए लगाई गई कुर्सियों को भी हटवा दिया गया।
मेला देखने पहुँचे आदिवासियों को बैठने के लिए कुर्सी तक नसीब नहीं हुआ और मजबूरी में लोगों को ज़मीन पर बैठना पड़ा।
हालाँकि कागजों पर लाखों रुपये खर्च किया जा रहा है। उसके बाद भी आदिवासी विकास मेला में भारी लापरवाही देखी जा रही है। दूर दूर से मेला देखने आये ग्रामीणों ने बताया कि मेला स्थल में बैठने के लिए भी कुर्सियों की व्यवस्था नहीं की गई। जबकि स्थानीय नेताओं के परिजनों के लिए कुर्सियाँ लगाई गई थीं।
दूसरी ओर रतनपुर नगर पालिका द्वारा लाखों का टेंडर जारी किया गया है। जिसमें टेंट लाइट और बैठक के लिए गद्दे और कुर्सियों की व्यवस्था करने कहा गया था। बावजूद इसके आदिवासी विकास मेला अव्यवस्था की भेंट चढ़ गया।
